Shyam Bhajan | सांवरे की नज़र में सँवरता रहूं | Hari Sharma | Latest Shyam Bhajan (Lyrical HD Song)

Shyam Bhajan | सांवरे की नज़र में सँवरता रहूं | Hari Sharma | Latest Shyam Bhajan (Lyrical HD Song)

#BhaktiGaane #DevotionalSongs


Songs Info :There are very beautiful bhajans that will hear you become disturbed, many such Bhajans are available in Bhaktigaane, listen to yourself and also tell others and share them together to help us

Songs Info : बहुत ही सुन्दर भजन हैं जिसे सुनकर आप भाव विभोर हो जायेंगे ऐसे ही बहुत सारे भजनो का संग्रह हैं भक्तिगाने में मिलेगा , खुद भी सुने और दुसरो को भी सुनाये और साथ में शेयर कर हमें सहयोग प्रदान करे



रोज़ नए भजन सुनने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करे: https://tinyurl.com/y2pls6h6
For latest bhajan, aarti, chalisa. subscribe to our channel: https://tinyurl.com/y2pls6h6

Song: Sanwre Ki Nazar Mien Sanwarta Rahun
Singer: Hari Sharma -9811196301
Music: S.P. Chatterjee
Lyricist: Alok Gupta “Mohit”
Video: Anil Kumar
Category: Hindi Devotional (Shyam Bhajan)
Producers: Amresh Bahadur, Ramit Mathur
Label: Yuki
********************************************
Connect with us on :
Facebook – https://www.facebook.com/yukicassettes/
Youtube – https://www.youtube.com/c/YukiMusicCompany
Twitter – https://twitter.com/YukiCassettes
JioSaavn – https://tinyurl.com/ybrud7ua
********************************************
अपने रिकार्डेड भजन हमारे नेटवर्क से रिलीज़ करवाने के लिए हमे व्हाट्सप्प करे +91-9810017413
To release your recorded song on our network kindly whatsapp on +91-9810017413

Bhajan Lyrics:

बस संवरने की चाह मुझको इतनी रहे
सांवरे की नज़र में सँवरता रहूं
जितनी कृपा की मुझपे मेरे श्याम ने
शुक्रिया मैं भी वैसे ही करता रहूं

सांवरे की पड़ी जबसे मुझपे नज़र
अपने हाथो से जीवन सजाया मेरा
मेरे इस दिल में जितने भी अरमान थे
हर एक सपना हकीकत बनाया मेरा
एक छोटी से ख्वाहिश यही अब मेरी
इनकी चौखट ना छूटे मैं जब तक जियूं
जितनी कृपा की मुझपे मेरे श्याम ने
शुक्रिया मैं भी वैसे ही करता रहूं
बस संवरने की चाह ………..

दुनियादारी की मुझको समझ थी नहीं
मेरे अपने ढाते थे मुझपे सितम
सोच करके ही रूह काँप जाती मेरी
हमने देखे हैं अपनों के ऐसे करम
ऐसी हालत में बीते थे मेरे वो दिन
लब हैं खामोश आँखों से मैं सब कहूं
जितनी कृपा की मुझपे मेरे श्याम ने
शुक्रिया मैं भी वैसे ही करता रहूं
बस संवरने की चाह ………..

जिसके लायक भी ना था मिला वो मुझे
तीनो लोकों का स्वामी मिला है मुझे
दुःख के आने की आहट भी होती अगर
गोद में ये उठाकर है चलता मुझे
कोई करता नहीं जितना इसने किया
इतने एहसान मोहित मैं क्या क्या कहूं
जितनी कृपा की मुझपे मेरे श्याम ने
शुक्रिया मैं भी वैसे ही करता रहूं
बस संवरने की चाह ………..

Download-Button1-300x157

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *