मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
Mann Bechain Hua Tere Darshan Ko
Mann Bechain Hua Tere Darshan Ko -HD Video Download
मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
पार करने है दस दरवाजे,
हो पार करने है दस दरवाजे,
प्रभु जी मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को।
पहली सीढ़ी प बैठु ध्यान लगाए,
दूसरी पे मन में उजाला भर जाये,
तीसरी प लाखो सूरज रोशनी उगाये,
चौथी सीढ़ी पर गीत झरने भी गाये,
प्रभु जी मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
पार करने है दस दरवाजे,
हो पार करने है दस दरवाजे,
प्रभु जी मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को।
पांचवी पे गूंजे झंकार की सदाए,
छठवीं पे धरती का सवर्ग लहराए,
सातवीं सीढ़ी पे प्रेम ज्योत जगमाये,
आठवीं पे मन निर्मल हो जाये,
प्रभु जी मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
पार करने है दस दरवाजे,
हो पार करने है दस दरवाजे,
प्रभु जी मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को।
नौवीं पे मन की हरतिष्टा मिट जाये,
दसवीं सीढ़ी पे तेरा दर्शन हो जाये,
जो भी ये दरवाजे पर कर जाये,
उसको को तो जीवन में मोक्ष मिल जाये,
प्रभु जी मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
पार करने है दस दरवाजे,
हो पार करने है दस दरवाजे,
प्रभु जी मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को,
मन बैचैन हुआ रे तेरे दर्शन को……..