संगीतमय कबीर दास दोहे Hindi Lyrics By Shiva chaudhary
Kabir Das Ji ke Dohe Hindi Lyrics
Kabir Das Ji ke Dohe Hindi Lyrics -HD Video Download
मैं भी भूखा नाराहू साधू न भूखा जाए
माया मरी न मन मरा , मरी मरी गए शरीर
आशा तृष्णा न मरी, कह गए दास कबीर
कबीर कह गए दास कबीर
माला फेरत जग मया
मिला न मन का फेर
कर का मनका डारत
मन का मन का फेर
रात गवाई सोया के, दिवस गवाया खाय
हीरा जमन अनमोल है , कोडी बदले जाए
कबीरा … कोडी बदले जाए
अति का भला न बोलना अति की भली न चुप
अति का भला न बरसना , अति की भली न धुप.
कबीरा
कबीरा तेरे जगत में , गुड की देखि खीर
पापी मिलकर राज करे , साधू मांगे भीख
चकती चक्की देख कर दिया कबीरा रोय
दुई पाटन के बीच में साबुत बचा न कोय
जब तू आया जगत में लोग हसे तू रोय
ऐसी करनी न करे पाछे हसे सब कोय
नहाये धोये का हुआ ,जो मन मैल न जाय
नीम सदा जल में रहे धोये बास न जाए
कबीरा
पानी किरा बुदबुदा अस मानस की जाए
देखत ही छुप जाय, जो सारा परभाय
कबीरा
झूटे साधू न पुजिये , घर की सेवा ना ही
बेघर मरघट जानिये , भूत बसे दिन मा ही
कबीरा … भूत बसे दिन मा ही