भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौशल्या हितकारी,
Bhaye Pragat Kripala Ly
Bhaye Pragat Kripala Ly -HD Video Download
कौशल्या हितकारी,
हर्षित महतारी मुनिमन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी ||
लोचन-अभिरामा तनु-घनस्यामा,
निज आयुध भुजचारी,
भूषन बनमाला नयन विशाला,
शोभा सिंधु खरारी ||
कर दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी,
केहि बिधि करूं अनंता,
माया गुन ग्याना तीत अमाना,
वेद पुरान भनंता ||
करुणा सुख सागर सब गुन आगर,
जेहि गावहिं श्रुति संता,
सो ममहित लागी जन अनुरागी,
भयउ प्रगट श्रीकंता ||
ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया,
रोम रोम प्रति बेद कहे,
मम उर सो बासी यह उपहासी,
सुनत धीर मति थिर न रहै ||
उपजा जब ज्ञाना प्रभु मुसकाना,
चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै,
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई,
जेहि प्रकार सुत प्रेम लहे ||
माता पुनि बोली सो मति डोली,
तजहु तात यह रूपा,
कीजै शिशुलीला अति प्रियसीला,
यह सुख परम अनूपा ||
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना,
होई बालक सुरभूपा,
यह चरित जे गावहि हरिपद पावहि,
ते न परहिं भवकूपा।।
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौशल्या हितकारी,
हर्षित महतारी मुनिमन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी ||