मेरे वतन देंगे हर क़ुरबानी तेरे लिए मेरे वतन लिरिक्स

jaya Kishori ji Bhajan मेरे वतन देंगे हर क़ुरबानी तेरे लिए मेरे वतन लिरिक्स

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Title : मेरे वतन देंगे हर क़ुरबानी तेरे लिए मेरे वतन लिरिक्स
Published By: Jaya Kishori ji
Date: 2020
Category: Devi Jaya Kishori ji Bhajan
Label:Hindi Bhajan
Video Duration :


Songs Info :There are very beautiful bhajan मेरे वतन देंगे हर क़ुरबानी तेरे लिए मेरे वतन लिरिक्स that will hear you become disturbed, many such Bhajans are available in Bhaktigaane, listen to yourself and also tell others and share them together to help us



Songs Info : बहुत ही सुन्दर भजन हैं सावन स्पेशल ! मेरे वतन देंगे हर क़ुरबानी तेरे लिए मेरे वतन लिरिक्स जिसे सुनकर आप भाव विभोर हो जायेंगे ऐसे ही बहुत सारे भजनो का संग्रह हैं भक्तिगाने में मिलेगा , खुद भी सुने और दुसरो को भी सुनाये और साथ में शेयर कर हमें सहयोग प्रदान करे

मेरे वतन देंगे हर क़ुरबानी,
तेरे लिए मेरे वतन,
मेरे वतन जान हमने लुटानी,
तेरे लिए मेरे वतन,
मेरी सारी जिंदगानी,
तेरे लिए मेरे वतन,
तेरी शान बढ़ानी है हाँ,
मन में ये ठानी है,
लिख देंगे हम इक नई कहानी,
नई कहानी तेरे लिए मेरे वतन।।
तर्ज – अब के बरस तुझे।


माटी में खेले है तेरी,

माटी में मिल जाएं,
बनकर राख उड़े खेतों में,
नदियों में घुल जाए,
फिर जब जनम मिले तो,
तेरी माटी में ही आउं,
तेरी पावन माटी का मैं,
माथे तिलक लगाऊं,
फिर से तेरी रक्षा खातिर,
मैं रण में डट जाऊं,
देना इतनी शक्ति मुझको,
मैं सर्वस्व लुटाऊं,
तन पे मेरे तिरंगा हो,
लहूँ से मेरे रंगा हो,
मेरी तरफ से, मेरी तरफ से,
ये ही निशानी,
तेरे लिए मेरे वतन,
मेरे वतन देंगे हर कुर्बानी,
तेरे लिए मेरे वतन।।


जाति धरम से ऊँचा अपने,

दिल में तेरा दर्जा,
अपनी इक इक सांसो पे तेरी,
माटी का है कर्जा,
तुझसे बढ़कर मेरे लिए अब,
कोई और नहीं है,
तेरी माटी से बढ़कर कोई,
दूजी ठोर नहीं है,
जीना और मरना है हमको,
बस तेरे ही खातिर,
तेरी तरफ ना आँख उठाने,
पाए कोई शातिर,
हमने वचन दिया है तुझको,
हम तो वचन निभाएंगे,
मेरा वतन आबाद रहे,
तेरी खातिर हम मिट जाएंगे,
तेरा रुतबा तेरी इज्जत,
हमको जान से प्यारी,
तू तो मेरा इश्क है प्यारे,
तू ही जान हमारी,
तेरी सीमा पर तेरा जब,
ये आशिक डट जाए,
कतरा कतरा खून का मेरे,
तेरे तराने गाए,
रण भेदी जब बजेगी रण में,
दुश्मन काँप उठेंगे,
सिने पे चाहे तोप चले,
फिर भी ना कदम रुकेंगे,
‘रोमी’ जग ये फानी है,
हमने कसम निभानी है,
नाम करेंगे, नाम करेंगे,
अपनी जवानी,
तेरे लिए मेरे वतन,
मेरे वतन देंगे हर कुर्बानी,
तेरे लिए मेरे वतन।।


मेरे वतन देंगे हर क़ुरबानी,

तेरे लिए मेरे वतन,
मेरे वतन जान हमने लुटानी,
तेरे लिए मेरे वतन,
मेरी सारी जिंदगानी,
तेरे लिए मेरे वतन,
तेरी शान बढ़ानी है हाँ,
मन में ये ठानी है,
लिख देंगे हम इक नई कहानी,
नई कहानी तेरे लिए मेरे वतन।।
स्वर – संजय मित्तल जी।
लेखक – रोमी जी।

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