खाटू श्याम भजन | जब जब आता हूँ साँवरिया मैं तेरे दरबार भजन लिरिक्स – Bhakti Gaane
जब जब आता हूँ,
साँवरिया मैं तेरे दरबार,
कभी नैनों में खो जाऊँ,
कभी भजनों में खो जाऊँ,
भूलू दरकार,
जब जब आता हूं,
साँवरिया मैं तेरे दरबार।।
माँगना क्या है सोच के आता हूँ,
पर्चे पर भी लिख के लाता हूँ,
दर्शन होते बाबा जब तेरे,
सुध बुध अपनी भूल मैं जाता हूँ,
सोचा जो भूल गया मैं,
लिखा जो पढ़ न सका मैं,
बाबा हर बार,
जब जब आता हूं,
साँवरिया मैं तेरे दरबार।।
दयोड़ी पर मैं जब तेरी चढ़ता,
दिल मेरा खुशियों से ये भरता,
मिलकर तुमको सब बतलाऊँगा,
अपने दिल का हाल सुनाऊँगा,
न जाने क्या हो जाता,
मैं तुझमें ही खो जाता,
मेरे सरकार,
जब जब आता हूं,
साँवरिया मैं तेरे दरबार।।
तुमसे बिछुड़कर याद मुझे आया,
भूल गया जो माँगने था आया,
कहता ‘कमल’ पर अंतर्यामी तू,
बिन बोले तुझे समझ सभी आया,
सोचा जो वो ही दिया है,
उससे ही ज्यादा दिया है,
मुझको दातार,
जब जब आता हूं,
साँवरिया मैं तेरे दरबार।।
जब जब आता हूँ,
साँवरिया मैं तेरे दरबार,
कभी नैनों में खो जाऊँ,
कभी भजनों में खो जाऊँ,
भूलू दरकार,
जब जब आता हूं,
साँवरिया मैं तेरे दरबार।।
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