आरती कुंजबिहारी की | Aarti Kunj Bihari Ki | कृष्णा आरती | Most Popular Krishna Aarti
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Title : आरती कुंजबिहारी की | Aarti Kunj Bihari Ki | कृष्णा आरती | Most Popular Krishna Aarti
Published By: Bhakti Gunjan
Date: 2021-11-03 12:15:01
Category: #Aarti Kunj Bihari Ki
Label: Youtube
Video Duration : 00:08:31
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Songs Info : बहुत ही सुन्दर भजन हैं सावन स्पेशल ! आरती कुंजबिहारी की | Aarti Kunj Bihari Ki | कृष्णा आरती | Most Popular Krishna Aarti जिसे सुनकर आप भाव विभोर हो जायेंगे ऐसे ही बहुत सारे भजनो का संग्रह हैं भक्तिगाने में मिलेगा , खुद भी सुने और दुसरो को भी सुनाये और साथ में शेयर कर हमें सहयोग प्रदान करे
आरती कुंज बिहारी की भगवान कृष्ण की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह कृष्ण जन्माष्टमी या श्रीकृष्ण जयंती दिवस सहित भगवान कृष्ण से संबंधित अधिकांश शुभ अवसरों पर बहुत धूमधाम से पढ़ा जाता है। यह इतना लोकप्रिय है कि इसे घरों और विभिन्न कृष्ण मंदिरों में नियमित रूप से पढ़ा जाता है।
बिहारी भगवान कृष्ण के हजार नामों में से एक है और कुंज वृंदावन के हरे भरे पेड़ों को संदर्भित करता है। कुंज बिहारी का अर्थ है, जो वृंदावन की हरियाली में विचरण करता है, परम भगवान कृष्ण।
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।
लतन में ठाढ़े बनमाली;
भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक;
ललित छवि श्यामा प्यारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ x2
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै;
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग;
अतुल रति गोप कुमारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ x2
जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा।
स्मरन ते होत मोह भंगा;
बसी सिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच;
चरन छवि श्रीबनवारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ x2
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू;
हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद, कटत भव फंद;
टेर सुन दीन भिखारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ x2
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
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